सपने (dreams)

सपनो की दुनिया भी
कितनी हसीन होती हैं
भेज दो पेगाम उनको
हम तुम्हे ही जी रहे हैं !
                      शरारतें करने का मन अभी भी करता है,
                      पता नहीं बचपना जिंदा है या इश्क अधुरा है!
जिंदगी की उलझनों ने हमारी शरारते कम कर दी.....
और लोग समझते है ,की हम समझदार हो गये हैं ..
                     अब तो रिहा कर दो अपने ख्यालों से तुम
                      सवाल ऊठने लगे हैं मेरी बेख्याली पर !
कभी तुम्हारी याद आती है
कभी तुम्हारे ख्वाब आते हैं...
मुझे सताने के सलीके ,
तुम्हें तो बेहिसाब आते हैं..
                          तोहफे में तो मुझे सिर्फ वक़्त पसन्द है ...
                          और अफ़सोस कि इतना महंगा तोफा
                          आजकल देता कौन है ...
बातों से बहलाना भी बड़ी खूबसूरत अदा है तुम्हारी....
दिल में रह कर ही दिल में ऊतरने की बात कहती  हो ।

जहाँ भी ज़िक्र होता है सुकून का यारा..!
बस वही तेरी बाहों की तलब लग जाती है......!!

💕💕

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